टैक्स बचाने के चार अतिरिक्त उपाय
आयकर बचत के लिए मुझे कहां निवेश करना चाहिए?
अपने टैक्स को बचाने के लिए अधिकांश करदाता अनुच्छेद 80 सी के तहत आने वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। लेकिन कई और उपाय भी हैं, जिनके जरिये आप अपनी टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं।
अनुच्छेद 80 डी : 80 सी के बाद संभवत: यही सबसे अधिक लोकप्रिय टैक्स बचत इंस्ट्रूमेंट है। 80 डी के तहत आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस पर दिए जाने वाले प्रीमियम पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। मौजूदा नियमों के मुताबिक इस अनुच्छेद के तहत सालाना अधिकतम 15,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स लाभ लिया जा सकता है।
लेकिन यदि आप अपने माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस का बीमा प्रीमियम भी अदा कर रहे हैं तो आप 20,000 रुपये तक का लाभ ले सकते हैं। यदि आप स्वयं वरिष्ठ नागरिक हैं अथवा 60 वर्ष से अधिक की आयु के हैं तो यह लाभ आपको भी मिलेगा।
अनुच्छेद 80डीडी व 80डीडीबी : ये दोनों अनुच्छेद ज्यादा प्रचलित नहीं हैं। 80डीडी के तहत यदि आप अपने परिवार के किसी विकलांग सदस्य के इलाज पर खर्च करते हैं तो आप 50,000 रुपये तक के खर्च पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। लेकिन यह लाभ लेने के लिए आपको राज्य अथवा केंद्र सरकार के मेडिकल बोर्ड से प्राप्त विकलांगता का प्रमाणपत्र देना होगा।
अनुच्छेद 80डीडीबी के तहत उन बीमारियों के इलाज पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है, जो हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में कवर नहीं होतीं। इस पर सामान्य लोगों के लिए 40,000 रुपये तक के इलाज और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 60,000 रुपये तक के इलाज पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इसके तहत कुछ तरह के कैंसर, पर्किन्संस, एड्स जैसी बीमारियों के इलाज पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
अनुच्छेद 80 जी : इसके तहत आप धर्मार्थ ट्रस्टों को दिए जाने वाले दान पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। कई ट्रस्टों या संस्थाओं को दिए गए दान पर तो सौ फीसद छूट मिलती है। बाकी पर अपने दान की राशि के 50 फीसद पर कर छूट का लाभ ले सकते हैं।
अनुच्छेद 80 ई : इसके अंतर्गत आप अपने बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले खर्च की पूर्ति के लिए जाने वाले एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके तहत लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है। ब्याज भुगतान के लिए कोई सीमा नहीं है। ब्याज की संपूर्ण राशि टैक्स छूट के दायरे में आती है। छूट का यह लाभ आठ वर्ष की अवधि के लिए मिलता है।